नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है. चैत्र नवरा6 के 7वें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी. देवी कालरात्रि कालों की काल मानी जाती है. मां कालरात्रि की आराधना के समय भानु चक्र जाग्रत होता है, जिससे हर प्रकार का भय नष्ट होता है.
जीवन की हर समस्या को चुटकियों में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है. 15 अप्रैल 2024 को मां कालरात्रि की पूजा में उनका प्रिय भोग जरुर लगाएं, इससे देवी जल्द प्रसन्न होती हैं.
मां कालरात्रि का प्रिय भोग (Maa Kalratri Bhog)
मां कालरात्रि को पूजा में गुड़ या गुड़ से बने मिष्ठान जैसे मालपुए का भोग लगाना चाहिए. ये देवी कालरात्रि को सबसे अधिक प्रिय है. माता कालरात्रि की पूजा सुबह और रात के समय में भी की जाती है. तंत्र विद्या में मां कालरात्रि की पूजा अचूक मानी गई है लेकिन किसी का अहित करने के उद्देश्य से पूजन न करें.वरना इसका बुरा असर झेलना पड़ सकता है.
देवी कालरात्रि को भोग लगाने की विधि (Maa Kalratri Puja Vidhi)
मां कालरात्रि की पूजा में नियम और अनुशासन का विशेष पालन करना चाहिए. देवी कालरात्र की पूजा से पहले स्नान कर साफ वस्त्र पहनें और फिर घी का दीपक लगाकर माता को कुमकुम, हल्दी, फूल चढ़ाएं. ॐ कालरात्र्यै नम: मंत्रों का जाप करते हुए देवी को गुड़ या इससे बनी मिठाई का भोग लगाएं. पूजा के बाद गुड़ का आधा भाग परिवार में बाटें. बाकी आधा गुड़ किसी ब्राह्मण को दान कर दें. माता कालरात्रि की पूजा लाल कंबल के आसान पर करें.
मां कालरात्रि की पूजा का महत्व (Navratri Maa Kalratri Puja Significance)
मां कालरात्रि की विधिवत पूजा अर्चना करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और सभी तरह की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. मां कालरात्रि अपने भक्तों को आशीष प्रदान करती हैं और शत्रुओं और दुष्टों का संहार कर सभी दुख दूर होते हैं और परिवार में सुख-शांति का वास होता है.