भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ दिनों पहले तक युद्ध जैसा माहौल बन चुका था. दोनों देश न्यूक्लियर संपन्न देश है. ऐसे में दुनिया भर में इस बात का डर था कहीं पाकिस्तान अपनी हार को देखते हुए न्यूक्लियर हाथियार का इस्तेमाल न कर ले. लेकिन न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल करना इतना आसान काम भी नहीं होता. आज तक दुनिया में सिर्फ एक बार ही न्यूक्लियर हाथियार का इस्तेमाल हुआ था.
जब अमेरिका ने जापान के दो शहर नागासाकी और हिरोशिमा में परमाणु बम गिराये था. हजारों लोगों की जिसमें जान चली गई थी. क्या आपको पता है अमेरिका का एक खतरनाक परमाणु बम समुद्र की गहराइयों में आज भी कहीं मौजूद है. जिसकी तलाश आज भी जारी है. चलिए आपको बताते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी.
साल 1958 में अमेरिकी वायुसेना के दो विमान आपस में टकरा गए थे. जिस वजह से यह घटना हुई थी. बता दें इन विमानों में से एक विमान B-47 बॉम्बर विमान था और दूसरा F-86 था. यह समय वर्ल्ड वॉर 2 के बाद का समय था और इस दौरान अमेरिकी वायु सेना के विमान को मिशन के लिए ट्रेनिंग देकर तैयार किया था. जिसमें विमानोें को ट्रेन किया जाता था कि कहां बम गिराना है. इसके लिए विमान अलग-अलग अमेरिकी शहरों से उड़ान भरते थे.
इन विमान में परमाणु बम भी रखे जाते थे. लेकिन 5 फरवरी को B-47 बॉम्बर विमान और F-86 था. B-47 बॉम्बर आपस में टकरा गए थे. B-47 बॉम्बर विमान का मिशन पूरा हो चुका था. लेकिन F-86 ने रडार पर को पकड़ा नहीं. और इसी वजह से F-86 विमान B-47 बॉम्बर से टकरा गया. B-47 बॉम्बर विमान के पायलट जान गए थे कि इतना न्यूक्लियर बम का वजन लेकर वह रनवे पर नहीं उतर पाएंगे. इसलिए उन्होंने समुद्र की तरफ जाने का फैसला किया और 7200 फीट की ऊंचाई से परमाणु बम को समुद्र में गिरा दिया. इसके बाद वह लैंड कर गए. अगर वह एयरवे पर लैंड करते तो एयरवे और शहर को भारी नुकसान हो सकता था.